Monday, July 28, 2008

मुस्कान

चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी

मुस्कान

नन्हे से दिल मे अरमान कोई रखना
दुनियाँ की भीड मे पहचान कोई रखना
अच्छे नही लगते जब रहते हो उदास

इन होटो पे सदा मुस्कान वही रखना

4 comments:

Anonymous said...

bhut badhiya. likhte rhe.

नीरज गोस्वामी said...

बहुत सार्थक बात कही है आपने...खुश रहना जीवन में बहुत जरूरी है...
नीरज

vipinkizindagi said...

खाली न हो घर दिल का,
इसमे समान कोई रखना,
जो चले गये छोड़कर सफ़र,
उनकी याद में याद कोई रखना,
जब हो कामयाबी का नशा खुद पर
तो सामने अपने आईना कोई रखना,
यकीनन ज़िंदगी एक ज़ंग है मगर,
इस दौड़ में अपना ईमान कोई रखना

Udan Tashtari said...

बहुत बढिया.