Tuesday, July 22, 2008

आंखो मे पानी


आंखो मे पानी

इकरार मे शब्दो की एहमियत नही होती
दिल के जज़्बात की आवाज़ नही होती
आंख बयान कर देती है दिल की दास्तान
मोहब्बत लफ्ज़ो की मोहताज नही होती।

वो मिल जाते है कहानी बनकर
दिल मे बस जाते है निशानी बनकर
जिन्हे हम रखते है अपनी आंखो मे
क्यो निकल जाते है वो पानी बनकर।

तुम्हे बख्श दी दिल पे हुकमरानी और क्या देते
येही थी बस हमारी राजधानी और क्या देते
सितारो से किसी की मांग भरना एक फसाना है
तुम्हारे नाम लिख दी ज़िन्दगी और क्या देते
बिछडते वक़्त उसको एक तोहफा देना था
हमारे पास था आंखो मे पानी और क्या देते।

...Ravi
'YADEIN'
http://ravi-yadein.blogspot.com/

1 comment:

Palak.p said...

chupchap dabe paon
shararat se bhari ankhe ya
unsuni aahat kano main guunj jati hai
aur kuchh nishan wahi pare us ankahe rishte ki dastan to kah hi gaye .....