Monday, July 28, 2008

प्यारा बन्धन

जिंदगी से कब के गुजर गए होते।

अगर तुम न मिलते तो,

न जाने किधर गए होते।

बंधे हैं तुम्हारी मोहब्बत के धागों से,

वरना कब के बिखर गए होते।

...Ravi

2 comments:

Nitish Raj said...

अगर तुम न मिलते तो,
न जाने किधर गए होते।
बंधे हैं तुम्हारी मोहब्बत के धागों से,
वरना कब के बिखर गए होते...

वाह! क्या खूब लिखा है...बिखर गए होते...।
वाह!

Palak.p said...

ravi aap ne bahut accha likha hai
bahut khub