Thursday, July 31, 2008

सोये से ख्वाब


पत्थर के इन रास्तों पर,

फूलों की एक चादर है।

जब से मिले हो हम को,

बदला हर एक मंज़र है।

देखो जहाँ में नीले-नीले आसमाँ तले,

रंग नए-नए हैं जैसे घुलते हुए।

सोये से ख्वाब मेरे जागे तेरे वास्ते,

तेरे ख्यालों से है भींगे मेरे रास्ते।


तुम क्यूँ चले आते हो,

हर रोज़ इन ख्वाबों में।

चुपके से आ भी जाओ,

एक दिन मेरी बाहों में।

तेरे ही सपने अंधेरों में उजालों में,

कोई नशा है तेरी आंखों के प्यालों में।

तू मेरे ख्वाबों में जावाबों में सवालों में,

हर दिन चुरा तुम्हें मै लता हूँ ख्यालों में।


..........क्या मुझे प्यार है....


...रवि
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Wednesday, July 30, 2008

मेरी चाहत में


मेरी चाहत में

कभी उससे भी मेरी याद सताती होगी
अपनी आंखों में मेरे खवाब सजाती होगी
वो जो हर वक्त ख्यालों में बसी रहती है
कभी तो मेरी भी सोचो में खो जाती होगी
वो जिसकी राह में पलकें बिछी रहती है
कभी मुझे भी अपने पास बुलाती होगी
लबों पर रहती है वो हर पल हँसी बैंकर
तसावर से मेरे, वो भी मुस्कुराती होगी
वो जो शामिल है मेरे गीत मेरे नाघ्मो में
कभी तन्हाई में मुझको गुन गुनाती होगी
जिसके लिए मेरा दिल बेकरार रहता है
मेरे लिए अपना चैन भी गवाँती होगी
जिससे इज़हार-ऐ-वफ़ा हर पल करना चाहूं
कभी इकरार तो वो भी करना चाहती होगी
जिसके लिए मेरी हर रात है करवट करवट
कभी तो उसे भी नींद न आती होगी
जिसकी उल्फत की शमा से है मेरा दिल रोशन
मेरी चाहत के वो भी दीप जलती होगी
घाम-ऐ-फिराक मेरा ही मुक़दर है या फिर
मेरी जुदाई उसे भी युही रुलाती होगी
...Ravi

Monday, July 28, 2008

मुस्कान

चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी

मुस्कान

नन्हे से दिल मे अरमान कोई रखना
दुनियाँ की भीड मे पहचान कोई रखना
अच्छे नही लगते जब रहते हो उदास

इन होटो पे सदा मुस्कान वही रखना
प्यारा बन्धन

जिंदगी से कब के गुजर गए होते।

अगर तुम न मिलते तो,

न जाने किधर गए होते।

बंधे हैं तुम्हारी मोहब्बत के धागों से,

वरना कब के बिखर गए होते।

...Ravi

आप की दोस्ती


आप की दोस्ती


रिश्तों की किताब का कवर है दोस्ती,

दोस्ती से बनी है हमारी हस्ती,

खून के रिश्तों की बात आप करते हैं,

हमारे लिए तो जिंदगी है आप की दोस्ती.


वादा तो नही करते दोस्ती निभायंगे,

कोशिश यही रहेगी आपको नही सतायेंगे,

ज़रूरत पड़े तो दिल से पुकारना,

मरते भी होंगे तो मोहलत लेकर आयेंगे

हर रिस्तों के मुकाम नहीं होते…

दिल के रिश्तों के कोई नाम नहीं होते……

पाया है आपको दिल की रौशनी से………

आप जैसे दोस्त आम नहीं होते.


दोस्त है तो आंसुओ की भी शान होती है,

दोस्त न हो तो महफ़िल भी कब्रिस्तान होती है,

सारा खेल तो दोस्ती का ही है,

वरना मय्यत और बारात एक सामान होती है।


Sunday, July 27, 2008

ख्वाबोँ का किला


ख्वाबोँ का किला



यह जोश-ए-जुनून देख के तारा
हमारे दिल के धड़कन रुक सी गयी
देख के ऐसे मोहब्बत आँखों मे तेरे
हमारे दिल मे भी चिंगारी सुलग गई

आज तेरे प्यार में एक शमा जलाए है
तेरे आने की उमीद मे आँगन सजाया है
तेरा राह देखती है यह तरसती आँखें
तेरी मोहब्बत से मैने ख्वाबोँ का किला बनाया है

तेरी दीवानी हुई मैं ऐ हमनशीन
तेरी मोहब्बत लाखों मे है एक हसीन
तेरे जैसा देखा नही मैने कोई
दिल मे एक तूफान मन मे है एक सनसनी.

Saturday, July 26, 2008

ख्वाबो me


ख्वाबों में


दिल ने किया मजबूर कुछ इस तरह के
ख्वाबों में भी तुम आने लगे
रात तोह काटे नहीं कट टी थी और अब तो
धड्कनों में भी तुम समाने लगे

दोस्त हज़ार नहीं सिर्फ एक चाहिए
दुःख सुख में दे साथ वो यार चाहिए
हम किसी को भूलते नहीं
लेकिन जो हमें याद रखे वो यार चाहिए


दोस्ती की तड़प को दिखाया नहीं जाता
दिल में लगी आग को बुझाया नहीं जाता
कितनी भी दूरी हो दोस्ती में
आप जैसे दोस्त को भुलाया नहीं जाता...


...Ravi
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Thursday, July 24, 2008

कुछ खोया सा रहता हूँ


कुछ खोया सा रहता हूँ

तुम याद मुझे करते होगे और ख्वाब मेरे बुनते होंगे,
पहले की तरह शायद अब भी तस्वीर मेरी रखते होगे,
अक्सर की दुआओं में अब भी मेरे लिए तुम कहते होगे,
खुश रहने की शायद अब भी तम्बीह मुझे करते होगे.
और देर तलक उन रास्तों पर तनहा तनहा चलते होगे,
गुमनाम अंधेरो में अब तो सपनो की कबर बन जाती हैं
सूरज की किरणों से अब रूह मेरी जल जाती हैं,
फिर सोचता हूँ शायद तुम भी कुछ खोये से रहते होगे.
दुनिया की इस भीड़ में अक्सर घूम हो कर रहते होगे,
शायद उन लम्हों की यादें कांटो सी चुभती होंगी
फिर भूलने की खातिर उनको तुम ख़ुद से सौदा करते होगे,
हर शाम में तनहा रहता हूँ, रास्तो को में तकता हूँ,
कुछ होश नही हैं मुझको भी, मैं क्यों अब ऐसा रहता हूँ।


...रवि
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रास्ते


रास्ते

बे-ज़मीन लोगों को
बेक़रार आँखो को
बद-नसीब कदमो को
जिस तरह भी ले जाये
रास्तों की मरज़ी है

बे-निशान जज़ीरों पर
बद-ग़ुमान शहरों में
बे-ज़ुबान मुसाफिर को
जिस तरह भी भटका दे
रास्तों की मरज़ी है

रोक दे या बढ़ने दे
थाम ले या गिरने दे
वसल की लकीरों को
तोड़ दे या मिलने दे
रास्तों की मरज़ी है

अजनबी कोई लाकर हमसफर बना दे
साथ चलने वालों की राख भी उड़ा दे
या मुस्फतें सारी
खाक मे मिला दे
रास्तों की मरज़ी है.
....Ravi
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Tuesday, July 22, 2008

तेरी आंखो से


तेरी आंखो से

किताबो मे मेरे फसाने ढुढते है
नादान है, गुज़रे ज़माने ढुंढते है
जब वो थे, तालाश-ए-ज़िन्दगी भी थी
अब तो मौत के ठिकाने ढूंढते है
कल खुद ही अपनी मेहफिल से निकाला था
आज हुए से दिवाने ढूंढते है
मुसाफिर बेखबर है तेरी आंखो से
तेरे शहर मे मैखाने ढूंढते है
तुझे क्या पता ए-सितम धाने वाले
तेरे दिये ज़ख्मो मे प्यार के नज़राने ढूंढते है
निकल आते है अश्क़ हंसते हंसते
हम तो रोने के बहाने ढूंढते है.


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...Ravi
'YADEIN'
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आंखो मे पानी


आंखो मे पानी

इकरार मे शब्दो की एहमियत नही होती
दिल के जज़्बात की आवाज़ नही होती
आंख बयान कर देती है दिल की दास्तान
मोहब्बत लफ्ज़ो की मोहताज नही होती।

वो मिल जाते है कहानी बनकर
दिल मे बस जाते है निशानी बनकर
जिन्हे हम रखते है अपनी आंखो मे
क्यो निकल जाते है वो पानी बनकर।

तुम्हे बख्श दी दिल पे हुकमरानी और क्या देते
येही थी बस हमारी राजधानी और क्या देते
सितारो से किसी की मांग भरना एक फसाना है
तुम्हारे नाम लिख दी ज़िन्दगी और क्या देते
बिछडते वक़्त उसको एक तोहफा देना था
हमारे पास था आंखो मे पानी और क्या देते।

...Ravi
'YADEIN'
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Saturday, July 19, 2008

वो हमारे हैं


वो हमारे हैं

जिनकी आंखे आंसु से नम नही
क्या समझते हो उसे कोई गम नही।
तुम तडपके रो दिये तो क्या हुआ
गम छुपाके हंसने वाला भी कुछ कम नही।

वो हमको बुलाते है हम जा भी नही सकते
मज़बूरी मगर उनको बतला भी नही सकते
ना जाने खता क्या है इस कदर खफा है वो
पहलू मे उन्हे अपने हम ला भी नही सकते

चाहे ना बिठाये वो मेहफिल मे हमे अपनी
दिल मे वो हमारे है ठुकरा भी नही सकते
अब आखिरी सांसे है जाते है जहाँ से हम
संदेशा उनको भिजवा भी नही सकते.

ये खामोश समा भी कई राज़ कह जाता है
चुप रहके भी कई लफ्ज़ बयान कर जाता है
तकलीफ तब नही होती जब कोई दिल तोड जाता है
दर्द तब होता है जब कोई अपना हमसे रुठ जाता है।

....रवि

Friday, July 18, 2008

बिंदास चाहत



बिंदास चाहत

उन्हें चाहने से पहले शर्त तो न रखी थी उन्हें पाने की,
पर हाँ, चाहत ज़रूर की थी उन्हें अपना बनाने की.
जब पता चला वो हमारी किस्मत में ही न लिखे थे,
तो खुदा से गुजारिश की थी अपनी किस्मत बदलवाने की।

With Spl.Thanks to Palak.


...Ravi


from- Mere Khwabon me


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एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा



एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा


इस रात की तन्हाइयों की बात लिखूं,
या दीदार को तरसती आँखों का हिसाब लिखूं,
तुमसे दूर रहने का गम बयान करुँ,
या फिर अपनी ही बंद जुबां करुँ.

नज़रें मिले एक ज़माना हो गया,
ऐसा लगता है अपना भी कोई बेगाना हो गया,
वो तो चले गए हमसे दूर,
लेकिन मुश्किल इस दिल को समझाना हो गया.

याद में तेरी, आँखे भरता है कोई,
हर सांस के साथ तुझे याद करता है कोई,
मौत तो सच्चाई है, आनी है एक दिन,
लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज़ मरता है कोई.

हमे भी प्यार करने का ख़याल आया,
जब भी यह ख़याल आया खुद को अकेला पाया,
घुमते रहे इस दुनिया में हमसफ़र,
किसी को धोखेबाज़, किसी को बेवफा ही पाया.

जुबान खामोश, आँखों में नमी है,
यही एक दास्तान-ए-दोस्ती है ,
यूँ तो सब ज़ख्म भर जाते हैं,
कैसे भरेगी वो जगह जहां आप की कमी है.

हर शाम के बाद रात आती है,
हर बात के बाद तुम्हारी याद आती है,
चुप रहकर भी देख लिया हमने,
खामोशियो से भी तुम्हारी आवाज़ आती है.

यूँ ही तन्हाई में हम दिल को सज़ा देते हैं,
नाम लिखते हैं तेरा लिख कर मिटा देते हैं,
यही सोच कर रहने दिया अरमानों को दिल में,
मेहमान कभी घर से निकाले नही जाते.

आज खुशियो की कोई दुहाई देगा,
निकला है चाँद तो दिखाई देगा,
ए मोहब्बत करने वालों,
ज़रा देख के मोहब्बत करना,
एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा.

फूल खिलते रहें जिंदगी की राह में,
हँसी चमकती रहे आप की निगाह में
कदम कदम पे मिले खुशिओं की बहार, आप को,
दिल देता है यह ही दुआ बार बार आप को.


...Ravi
from- “Mere Khwabon Me”
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Thursday, July 17, 2008

कुछ दूर हमारे साथ चलो


कुछ दूर हमारे साथ चलो


कुछ दूर हमारे साथ चलो, हम दिल की कहानी कह देंगे,
समझे न जिसे तुम आंखों से, वो बात जुबानी कह देंगे,
फूलों की तरह जब होंठों पर इक शोक तबस्सुम बिखरेगा,
धीरे से तुम्हारे कानों में इक बात पुरानी कह देंगे,
इज़हार-ऐ-वफ़ा तुम क्या समझो इकरार-ऐ-वफ़ा तुम क्या जानो,
हम जिक्र करेंगे गैरों का और अपनी कहानी कह देंगे,
मौसम तो बड़ा ही जालिम है तूफ़ान उठाता रहता है,
कुछ लोग मगर इस हलचल को बदमस्त जवानी कह देंगे,
समझे न जिसे तुम आंखों से, वो बात जुबानी कह देंगे,
कुछ दूर हमारे साथ चलो हम दिल की कहानी कह देंगे.

...रवि
from 'Mere Khwabon Me'
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Wednesday, July 16, 2008

जीवन जीना एक कला


जीवन क्या है



जीवन जीना एक कला है. यह अधिकांश लोगों के समझ में नही आता. जिंदगी एक खेल है जिसमें हार - जीत और सफलता-असफलता आवश्यकता से अधिक महत्व देकर परेशान नही होना चाहिए. बस हंसते हुए इसे खेलना चाहिए और सदा जीत की और प्रयासरत होना चाहिए.

जीवन एक युद्ध है. इसे कायरों को भी लड़ना पड़ता है. कठिनाईयां, मुसीबतें और दुःख ऐसे ही शत्रु हैं जिनसे हमें लड़ना ही होगा. इनसे पीछा छुडाना असंभव है. इस लड़ाई को अपनी मजबूरी समझकर नही बल्कि एक चुनौती समझकर बहादुरी पूर्वक खुशी से हंसकर लड़ना चाहिए, रोकर नही. और फ़िर, हंसने में तो सभी साथ देते हैं, रोने में कोई साथ नही देता.

जीवन एक महँ यात्रा है. रास्ते में राहगीर को कभी साफ़ सड़क तो कभी कंटीले जंगल भी पार करने होते हैं. कभी पहाड़ पर चढाई करनी होती है तो कभी कहीं नदियों को तैरकर पार करमा पड़ता है. पर रास्ते की थकान वह घबराकर या रास्ता बहुत लंबा है…सोचकर यदि वह बैठ जाए तो वह मंजिल पर नही पहुँच सकता. सच्चे राहगीर की तरह जिंदगी के उतार-चढाव के बीच भी अपनी लक्ष्य के प्रति लगन व तत्परता बनाये रखें तो देर-सबेर मंजिल तक पहुचना निश्चित समझिये. सुच-दुःख को रास्ते किड हूप-छावं माने. इनमे आशक्त नह ओं. सुख हो या दुःख, कोई भी समय ज्यादा देर तक स्थायी नही रह सकता.

पत्थर वर्षों तक नदी में पड़ा रहे तो भी उसके भीतर नमी नही पहुँच पति. तोड़ने पर सूखा ही निकलता है. किंतु मिटटी का धेला जरा सा पानी पड़ने से ही गीला हो जाता है. उसी तरह भावनाशील ह्रदय थोडे से उपदेश को भी हृदयंगम कर लेता है पर आडम्बर में दुबे रहने वालों का ज्ञान जीभ तक ही सीमित रहता है. वे उसे भीतर नही उतार पाते. फलतः बकवादी बैंकर रह जाते हैं.

बात-चित का स्टार भी मनुष्य के प्रभाव और व्यक्तित्व को प्रकट करता है. बहुत ज्यादा चुप रहने वाले अथवा अधिक बोलने वाले, दोनों ही तरह के लोग अच्छे नही समझे जाते. आवाश्यक्तानुशार ठोस और नपी-तुली बात-चित करमा मनुष्य के व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाती है.

...रवि

Tuesday, July 15, 2008

तू मुझसे जुदा मैं तुझसे जुदा




तू मुझसे जुदा मैं तुझसे जुदा


तुम याद मुझे करते होगे और ख्वाब मेरे बुनते होगी,
पहले की तरह शायद अब भी तस्वीर मेरी रखते होगी


अक्सर की दुओं में अब भी मेरे लिए तुम कहते होगी,
खुश रहने की शायद अब भी तम्बीह मुझे करते होगी


और देर तलक उन रास्तों पर तनहा तनहा चलते होगी,
गुमनाम अंधेरो में अब तो सपनो की कबर बन जाती है


सूरज की किरणों से अब रूह मेरी जल जाती है,
फिर सोचता हूँ शायद तुम भी कुछ खोये से रहते होगी


दुनिया की इस भीड़ में अक्सर घूम हो कर रहते होगी,
शायद उन लम्हों की यादें कांटो सी चुभती होंगी


फिर भूलने की खातिर उनको तुम ख़ुद से सौदा करते होगी,
हर शाम मैं तनहा रहता हूँ,रास्तो को मैं ताकता हूँ


कुछ होश नही है मुझको भी मैं मैं क्यों अब ऐसा रहता हूँ.



.....एक दिन मैंने अपने असू से सवाल किया की क्यों तुम चले आते हो मेरे पास। तब वो मचल के बोले की भरी महफिल मई तुम को अकेला पते है तो साथ देने चले आते है ........



न.B. It is here published by me because in my opinion, these words should be known to all.



With Spl.Thanks to Palak
...Ravihttp://galaxy-gyan-ganga.blogspot.com/

आपके इन्तेज़ार मे



आपके इन्तेज़ार मे

जिधर भी देखता हूँ तन्हाई नज़र आती है
आपके इन्तेज़ार मे हर शाम गुज़र जाती है
मै कैसे करू गिला दिल के ज़ख्मो से हुज़ूर
आंसू छलकते है मेरी सूरत निखर जाती है
तोड दिये है मैने अपने घर के सारे आईने
मेरी रूह मेरा ही चेहरा देख के डर जाती है
रोके हल्के हो लेते है ज़रा से तेरी याद मे
ज़रा सी ना-मुरादो की तबियत सुधर जाती है
असर करती यकीनन गर छू जाती उनके दिल को
लेकिन अफसोस के आह मेरी फिज़ाओ मे ही बिखर जाती है
मैकदे मे जब भी ज़िक्र आता है तेरे नाम का
शाम की पी हुई सर-ए-शाम उतर जाती है
कभी आके मेरे ज़ख्मो से मुक़ाबला तो कर ए खुशी
तू मूह मोड के किधर जाती है तुझे इन्ही कांटो पे चल के जाना होगा
उनके घर को पास यही एक रहगुज़र जाती है.

...रवि

Monday, July 14, 2008

डर लगता है
थमे हुए पानी मे भी अब जाने से डर लगता हैखुले आसमान मे भी जाने से डर लगता हैकभी सुनाते थे यारो को हम भी किस्से मोहब्बत केअब तो इश्क़ के ढाई अक्शर गुनगुनाने से डर लगता है

हम किसके सहारे जीये
कुछ तो जीते है जन्नत की तमन्ना लेकरकुछ तमान्ये जिना सिखा देती हैहम किसके सहारे जीयेज़िन्दगी रोज एक तमन्ना बढा देती है
नये ज़माने की मोहब्बत
हमे तो इश्तेहारो सी लगती है ये मोहब्बत की कहानियाँजो कहा नही वो सुना करो, जो सुना नही वो कहा करोये तो नये ज़माने की मोहब्बत है यार्रोजरा फासले से मिला करो
किसी की नज़र मे हूँ
मिट्टी का जिस्म लेके पानी के घर मे हूँमन्ज़िल है मौत मेरीमै हर पल सफर मे हूँहोना है क़त्ल ये मालुम है मुझेलेकिन खबर नही किसी की नज़र मे हूँ
दोस्ती बेची
कभी आंसू तो कभी खुशी बेचीहमने अकेलेपन मे तन्हाई बेचीचन्द सांसे है खरीदने के लियेरोज मरती हुई ज़िन्दगी बेचीसताने लगे जब मुझ मेरे ही सायेपरेशान होके मैने रोशनी बेचीएक हम ही थे जो खुद ही बिक गयेवरना लोगो ने तो ज़िन्दगी बेची