Saturday, July 19, 2008

वो हमारे हैं


वो हमारे हैं

जिनकी आंखे आंसु से नम नही
क्या समझते हो उसे कोई गम नही।
तुम तडपके रो दिये तो क्या हुआ
गम छुपाके हंसने वाला भी कुछ कम नही।

वो हमको बुलाते है हम जा भी नही सकते
मज़बूरी मगर उनको बतला भी नही सकते
ना जाने खता क्या है इस कदर खफा है वो
पहलू मे उन्हे अपने हम ला भी नही सकते

चाहे ना बिठाये वो मेहफिल मे हमे अपनी
दिल मे वो हमारे है ठुकरा भी नही सकते
अब आखिरी सांसे है जाते है जहाँ से हम
संदेशा उनको भिजवा भी नही सकते.

ये खामोश समा भी कई राज़ कह जाता है
चुप रहके भी कई लफ्ज़ बयान कर जाता है
तकलीफ तब नही होती जब कोई दिल तोड जाता है
दर्द तब होता है जब कोई अपना हमसे रुठ जाता है।

....रवि

3 comments:

Anonymous said...

u r offcourse a great lover, dear ravi, i like it....Priya

Palak.p said...

roz unidi ankhon se ek
khwab le nikalti hoon
kya khoti hoon har roz
kya pati hoon har roz
man hi man tumse sawalo
ki jhari lagati hoon har roz
isi silsile ko agae
badate chalti hoon.....

Puneet Raj said...

best compliments..........