Thursday, July 17, 2008

कुछ दूर हमारे साथ चलो


कुछ दूर हमारे साथ चलो


कुछ दूर हमारे साथ चलो, हम दिल की कहानी कह देंगे,
समझे न जिसे तुम आंखों से, वो बात जुबानी कह देंगे,
फूलों की तरह जब होंठों पर इक शोक तबस्सुम बिखरेगा,
धीरे से तुम्हारे कानों में इक बात पुरानी कह देंगे,
इज़हार-ऐ-वफ़ा तुम क्या समझो इकरार-ऐ-वफ़ा तुम क्या जानो,
हम जिक्र करेंगे गैरों का और अपनी कहानी कह देंगे,
मौसम तो बड़ा ही जालिम है तूफ़ान उठाता रहता है,
कुछ लोग मगर इस हलचल को बदमस्त जवानी कह देंगे,
समझे न जिसे तुम आंखों से, वो बात जुबानी कह देंगे,
कुछ दूर हमारे साथ चलो हम दिल की कहानी कह देंगे.

...रवि
from 'Mere Khwabon Me'
http://creativehindi.blogspot.com/

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