मेरी चाहत में
कभी उससे भी मेरी याद सताती होगी
अपनी आंखों में मेरे खवाब सजाती होगी
वो जो हर वक्त ख्यालों में बसी रहती है
कभी तो मेरी भी सोचो में खो जाती होगी
वो जिसकी राह में पलकें बिछी रहती है
कभी मुझे भी अपने पास बुलाती होगी
लबों पर रहती है वो हर पल हँसी बैंकर
तसावर से मेरे, वो भी मुस्कुराती होगी
वो जो शामिल है मेरे गीत मेरे नाघ्मो में
कभी तन्हाई में मुझको गुन गुनाती होगी
जिसके लिए मेरा दिल बेकरार रहता है
मेरे लिए अपना चैन भी गवाँती होगी
जिससे इज़हार-ऐ-वफ़ा हर पल करना चाहूं
कभी इकरार तो वो भी करना चाहती होगी
जिसके लिए मेरी हर रात है करवट करवट
कभी तो उसे भी नींद न आती होगी
जिसकी उल्फत की शमा से है मेरा दिल रोशन
मेरी चाहत के वो भी दीप जलती होगी
घाम-ऐ-फिराक मेरा ही मुक़दर है या फिर
मेरी जुदाई उसे भी युही रुलाती होगी
...Ravi
6 comments:
वो जिसकी राह में पलकें बिछी रहती है
कभी मुझे भी अपने पास बुलाती होगी
लबों पर रहती है वो हर पल हँसी बैंकर
तसावर से मेरे, वो भी मुस्कुराती होगी
"bhut pyaree see manmohak poetry
good work"
बहुत ही सुंदर कोमल भाव लिए हुए प्रवाहमयी रचना.बधाई.
बेहतरीन... बेहद उम्दा....
बहुत सुंदर
nice,
aap ne to mera dil hi pani pani kar diya
arun agarwal
sikar road jaipur
nice,
aap ne to mera dil hi pani pani kar diya
arun agarwal
sikar road jaipur
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