
दिल न मान ले तेरे झूठ को सच
इज़हार-ऐ-इश्क तुमने ही तो किया था
पहले तो मैंने भी इनकार किया था
कर के यकीन तेरे उन वादों पर
गुन्नाह-ऐ- मोहब्बत कर बैठा।
इज़हार-ऐ-इश्क तुमने ही तो किया था
पहले तो मैंने भी इनकार किया था
कर के यकीन तेरे उन वादों पर
गुन्नाह-ऐ- मोहब्बत कर बैठा।
किसको दिखाऊँ ये दर्द भरे ज़ख्म
कैसे मिटा तेरी यादें।
कैसे मिटा तेरी यादें।
अब बन कर तेरा deevana.
कभी आर कभी पार
सिर्फ़ तुझ को ही पुकारू
कभी आर कभी पार
सिर्फ़ तुझ को ही पुकारू
 
 
 





 
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1 comment:
ravi.. post picture is nice.. ha ha ha
aur ye line bhi sunder hai.
अब बन कर तेरा deevana.
कभी आर कभी पार
सिर्फ़ तुझ को ही पुकारू
keep posting...
palak
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