Saturday, August 2, 2008

मैं वही हूँ

मैं वही हूँ



मैं वही हूँ जिसे तुम प्यार किया करते थे
दिन में सौ बार मेरा नाम लिया करते थे
आज क्या बात है क्यूँ मुझसे खफा बैठे हो
क्या किसी और का दिल अपना बना बैठे हो ?

फासले पहले तो इतने न हुआ करते थे
मैं वही हूँ जिसे तुम प्यार किया करते थे
मन के ये गम है कोई सौगात नही
तुम हमें अपना कहो ऐसे भी हालात नही।

अगर भूल गए हो , तो कोई बात नही
ज़ख्म तो पहले भी इस दिल पे लगा करते थे
मैं वही हूँ,जिसे तुम प्यार किया करते थे
जी में आता है कि आज तुम्हें तडपा दूँ
दर्द जो तुमने दिए वो सब तुम को लौटा दूँ
अगर भूल गए हो तो ये बतला दूँ
तुम मुझे हासिल-ऐ- अरमान कहा करते थे
मैं वही हूँ जिसे तुम प्यार किया करते थे


6 comments:

रश्मि प्रभा... said...

us geet ki yaad dila di-
tumhe yaad hoga,kabhi hum mile the.....
bahut achhi

vipinkizindagi said...

मैं वही हूँ जिसे तुम प्यार किया करते थे.....

achcha likh rahe hai..jari rahe..

नीरज गोस्वामी said...

आप के दिल की तड़प शब्दों में ढल कर क़यामत ढा रही है...बहुत खूब लिखा है.
नीरज

Bobby Bawra said...

Good

Palak.p said...

well its lovely .. keep writing..

shelley said...

अगर भूल गए हो , तो कोई बात नही
ज़ख्म तो पहले भी इस दिल पे लगा करते थे
मैं वही हूँ,जिसे तुम प्यार किया करते थे
bahut khub maja aa gaya