Tuesday, August 12, 2008

अहक़

हक़


तेरे शाने पे कभी रख के ये सर सो जाते
रोज़-ओ-शब अपने बस ऐसे ही बसर हो जाते
खुदनुमाई का हमे शौक नही था वरना
इस तरह जान लुटाते के अमर हो जाते
जान-ए-बे शौक से हम तेरी नज़र हो जाते


तू सदफ है हमे तसलीम है ये बात मगर
साथ मिलता जो तेरा हम भी गुहार हो जाते
तू कभी रब से हमे मांग के तकता तो सही
हम तेरी सारी दुआओ का असर हो जाते।


...Ravi
http://mere-khwabon-me.blogspot.com/

3 comments:

Palak.p said...

तू सदफ है हमे तसलीम है ये बात मगर
साथ मिलता जो तेरा हम भी गुहार हो जाते

lovely lines...

Nitish Raj said...

good one and rest is done by the photo, very glamorous..

राजीव रंजन प्रसाद said...

तू कभी रब से हमे मांग के तकता तो सही
हम तेरी सारी दुआओ का असर हो जाते।

वाह!!


***राजीव रंजन प्रसाद

www.rajeevnhpc.blogspot.com
www.kuhukakona.blogspot.com