Saturday, August 23, 2008

हम चुप है किसी की खुशी के लिये

हम चुप है किसी की खुशी के लिये


जो तू चाहे वो तेरा हो

रोशन राते और खुबसूरत सवेरा हो

जारी रखेंग़े हम दुआओ का सिलसिला

कामयाब हर मन्ज़िल पर दोस्त मेरा हो.


मुस्कुराना सीखा दिया
दिल की नाज़ुक धडकनो को

मेरे सनम तुने धडकना सीखा दिया

जब से मिला है तेरा प्यार दिल को

गम मे भी मुस्कुराना सीखा दिया.


दरिया वफाओ का कभी रुकता नही

मोहब्बत मे इंसान कभी झुकाता नही

हम चुप है किसी की खुशी के लिये

और वो सोचते है के दिल हमारा दुखता नही.



...Ravi
http://mere-khwabon-me.blogspot.com/

1 comment:

Anonymous said...

waah kya kavita hai. aao ka jawaab nahi