दर्द का सैलाब हूँ
इस अजनबी दुनिया में, अकेला एक खवाब हूँ,
सवालों से खफा, छोटा सा जवाब हूँ,
सवालों से खफा, छोटा सा जवाब हूँ,

जो न समझ सके, उनके लिए ‘कौन?’,
जो समझ चुके, उनके लिए खुली किताब हूँ ,
सर उठाकर देखो, वो देख रहा है तुमको,
जिसको न देखा उसने, वो चमकता आफ़ताब हूँ,
आँख से देखोगे, तो खुश पाओगे,
दिल से पूछोगे, तो दर्द का सैलाब हूँ।
जो समझ चुके, उनके लिए खुली किताब हूँ ,
सर उठाकर देखो, वो देख रहा है तुमको,
जिसको न देखा उसने, वो चमकता आफ़ताब हूँ,
आँख से देखोगे, तो खुश पाओगे,
दिल से पूछोगे, तो दर्द का सैलाब हूँ।
 
 
 





 
 Posts
Posts
 
 
6 comments:
दर्द के इस सैलाब को इस नाचीज का सलाम।
बहुत उम्दा...वाह!
दिल से पूछोगे, तो दर्द का सैलाब हूँ।
"wah, beautiful
दिल से पूछोगे, तो दर्द का सैलाब हूँ।
"wah, beautiful
bahut badhiyaa....
इस अजनबी दुनिया में, अकेला एक खवाब हूँ,
सवालों से खफा, छोटा सा जवाब हूँ,
बहुत खूब कहा ......
Post a Comment