ये हम भी गवारा करते है
ये तुम भी गवारा कर लेना
रो रो के गुज़ारी है हमने
तुम हंस के गुज़ारा कर लेना
बताबी हद से बढ जाये
और नींद ना आयी रातो को
तो डूब के मेरी यादो मे
दुनियाँ से किनारा कर लेना
जिस वक़्त जनाज़ा गुज़रेगा
इस शक्स का तेरे कूछे से
जज़्बात पे काबू कर लेना
खिडकी से नज़ारा कर लेना
...Ravi
http://mere-khwabon-me.blogspot.com/
Thursday, August 28, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
बेहतरीन..
Post a Comment