Monday, August 25, 2008

यादें पीछा नही छोड़ती


दिल मे हसरत तेरी मुलाक़ात की है
ये फरियाद मेरे जज़्बात की है
आ जाओ ज़िन्दगी मे एक पल ही सही
ज़िन्दगी मेरी चन्द लम्हात की है

बदलना आता नही हमको मौसमो की तरह
हर एक रूप मे तेरा इन्तेज़ार करते है
ना तुम समेट सकोगी जिसे क़यामत तक
कसम तुम्हारी तुम्हे इतना प्यार करते है

तेरी खुशी से ही नही गम से भी रिश्ता है मेरा ,
ये जो तेरी जिंदगी है वो एक हिस्सा है मेरा ,
अब और क्या कहू तुझसे ऐ दोस्त ,
तेरी यादें मेरा पीछा नही छोड़ती तो क्या कसूर है मेरा .


...Ravi
http://mere-khwabon-me.blogspot.com/

3 comments:

vipinkizindagi said...

तेरी यादें मेरा पीछा नही छोड़ती तो क्या कसूर है मेरा .........


bahut achchi...

travel30 said...

तेरी खुशी से ही नही गम से भी रिश्ता है मेरा ,
ये जो तेरी जिंदगी है वो एक हिस्सा है मेरा ,
अब और क्या कहू तुझसे ऐ दोस्त ,
तेरी यादें मेरा पीछा नही छोड़ती तो क्या कसूर है मेरा


bahut payri kavita

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Udan Tashtari said...

बहुत बढिया!!