मुझे तेरी मोहब्बत मे खो जाने दो
हर लम्हा मर के आज फिर जी जाने दो
इसे मोहब्बत ने दिल को आज फिर धडकाया है
मुझे इश्क़ की बाहो मे सो जाने दो
तडप की आग है जुदाई की बाहो मे
मुझे आज इस मोहब्बत से मिल जाने दो
मेरी सांस चलती है तेरे नाम की आहत पे
मुझ बेनाम को इस नाम मे खो जाने दो
कसम तुझे चलने वाली हवाओ की मेहबूब
मुझे इस मोहब्बत की आग मे जल जाने दो.
...Ravi
http://mere-khwabon-me.blogspot.com/
Thursday, September 18, 2008
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3 comments:
khub..
कसम तुझे चलने वाली हवाओ की मेहबूब
मुझे इस मोहब्बत की आग मे जल जाने दो.
--बहुत खूब!!
AAo mil jaye hum sugandh ki tarah.....ek ho jaye ...
u know something u recall this songs.. i love this osng.. infect the poem is as usual superb...
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