Thursday, September 4, 2008

हम गिला नही करते

आईना-ए-दिल तोडकर देख लिया तुने
तेरी सूरत के सिवा और भला क्या निकला
मैने सोचा था के फरियाद करूंग़ा हकीम से
वो भी ज़ालिम तेरा चाहने वाला निकला
कर्म करो चाहे सितम करो
हम गिला नही करते
खज़ा मे फूल कभी खिला नही करते
तुम हमे भूल जाओ लेकिन ये याद रखना
हम जैसे लोग कभी मिला नही करते

...Ravi
http://mere-khwabon-me.blogspot.com/

No comments: